IND vs AUS Test:  सिडनी टेस्ट (Sydney Test) में अभी तक तो सबकुछ भारतीय टीम (Indian Team) के मनमाफिक हुआ है. अंग्रेजी में क्रिकेट की एक कहावत है ‘गुड टॉस टू विन’ यानी टॉस जीतना टीम के लिए अच्छा रहा, लेकिन ‘गुड टॉस टू विन’ का ऑस्ट्रेलिया (Australia) की टीम पूरी तरह फायदा नहीं उठा पाई. कंगारुओं ने पहली पारी में करीब सवा सौ रन कम जोड़े. पिच जिस तरह से खेल रही है उसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम (Australian Team) को साढ़े चार सौ रन के आस पास पहुंचना चाहिए था.पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के स्कोरबोर्ड पर 2 विकेट के नुकसान पर 166 रन थे, लेकिन पूरी टीम दूसरे दिन टीम सिर्फ 172 रन और जोड़ पाई. पहले दिन 55 ओवर बल्लेबाजी करने वाली टीम अगले 50 ओवर में पवेलियन लौट गई. वो तो स्टीव स्मिथ (Steve Smith) ने शानदार 131 रन बनाए और निचले क्रम में मिचेल स्टार्क (Mitchell Starc) ने 24 रन, वरना ऑस्ट्रेलियाई टीम और कम स्कोर पर सिमट जाती.

अब सिडनी टेस्ट जिस मोड़ पर है वहां से चार खिलाड़ी इस मैच की दशा और दिशा तय करेंगे. ये चार खिलाड़ी हैं- अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, आर अश्विन और रवींद्र जडेजा और इन चारों खिलाड़ियों की अपनी-अपनी चाहत है. जरा सोचिए कि मैदान में 22 खिलाड़ी हैं लेकिन मौजूदा स्थिति ऐसी है कि चर्चा सिर्फ चार खिलाड़ियों पर होगी.

अजिंक्य रहाणे रचना चाहेंगे इतिहास

अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) विराट कोहली (Virat Kohli) की गैर मौजूदगी में कप्तानी कर रहे हैं.पिछले टेस्ट मैच में उनके शतक की बदौलत टीम इंडिया (Team India) जीती थी.रवि शास्त्री ने रहाणे के शतक को मैच का टर्निंग प्वाइंट बताया था. बतौर कप्तान रहाणे का रिकॉर्ड अब तक सौ फीसदी रहा है. रहाणे अभी क्रीज पर हैं. मैच के दूसरे दिन उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को हताश किया. अपना विकेट बचाए रखा.

चेतेश्वर पुजारा करना चाहेंगे वापसी

चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) इस वक्त दुनिया के चुनिंदा टेस्ट स्पेशलिस्ट बल्लेबाजों में से एक हैं. टीम इंडिया ने पिछली सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को जब उसी के घर में हराया था तो पुजारा उस जीत के हीरो थे. उन्होंने पांच सौ से ज्यादा रन बनाए थे और मैन ऑफ द सीरीज थे. लेकिन इस बार अब तक उनका बल्ला खामोश रहा है. अब तक दोनों टेस्ट मैच की चार पारियों में वो कुल 63 रन ही बना पाए हैं.

अश्विन देना चाहेंगे बड़ा संदेश

पिछले कुछ समय में आर अश्विन (R Ashwin) को लेकर ऊंगलियां उठी हैं. कई बार वो विराट कोहली की ‘स्कीम ऑफ थिंग्स’ से बाहर दिखे हैं. अश्विन ने मेलबर्न टेस्ट (Melbourne Test) में पांच विकेट लेकर संदेश दे दिया था कि अभी उनमें काफी दम खम बचा है. करीब 35 साल के अश्विन को पता है कि विदेशी पिच पर प्रदर्शन उनके करियर के लिए बहुत उपयोगी होगा.

रवींद्र जडेजा साबित करना चाहेंगे बादशाहत

रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को यूं ही धोनी सर जडेजा नहीं कहा करते थे. जडेजा ने कंगारुओं को पहली पारी में चार झटके दिए. इसके अलावा स्टीव स्मिथ को करिश्माई तरीके से रन आउट किया. वो उपयोगी बल्लेबाजी करते हैं. शानदार फील्डिंग करते हैं. जिस सवा सौ रनों की संभावित बढ़त की बात हम कर रहे हैं, उसके बाद रवींद्र जडेजा ही आर अश्विन के जोड़ीदार होंगे. फिलहाल रवींद्र जडेजा ICC रैंकिंग्स में दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी हैं. इस टेस्ट मैच में उनका शानदार प्रदर्शन इस पायदान पर उन्हें और ऊपर ले जा सकता है