LIC employees strike: निजीकरण का विरोध अब तेज हो गया है. बैंकों के निजीकरण के खिलाफ इस सप्ताह सोमवार और मंगलवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के लाखों कर्मचारी हड़ताल पर थे. आज लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. एलआईसी के कर्मचारी विनिवेश का विरोध कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में एलआईसी के आईपीओ लाने की घोषणा की है.

इंश्योरेंस सेक्टर में LIC देश की सबसे बड़ी कंपनी है जिसकी स्थापना 1956 में की गई थी. एलआईसी में कुल 1 लाख 14 हजार कर्मचारी काम करते हैं. इसके साथ करीब 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर जुड़े हुए हैं. जानकारों के मुताबिक एलआईसी की वर्तमान वैल्यू कम से कम 12 लाख करोड़ रुपए होगी. सरकार इसमें 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. मतलब एलआईसी के विनिवेश के जरिए सरकार कम से कम 1.2 लाख करोड़ रुपए इकट्ठा करेगी. एलआईसी के कर्मचारी विनिवेश के अलावा इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसदी FDI का भी विरोध कर रहे हैं.

1.75 लाख करोड़ विनिवेश का लक्ष्य

वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपए का फंड इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए इस बजट में दो बैंकों और एक सार्वजनिक क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का ऐलान किया था.

सीतारमण के भरोसे पर कर्मचारियों को कितना भरोसा?

निजीकरण का विरोध अब तेज हो गया है. इस सप्ताह सोमवार और मंगलवार को करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी हड़ताल पर थे. हड़ताल के दूसरे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगर किसी कंपनी का निजीकरण किया जाता है तो सरकार इस बात का भरोसा दे रही है कि कर्मचारियों के इंट्रेस्ट की रक्षा की जाएगी. यह मामला उनकी सैलरी और पेंशन से जुड़ा हो सकता है. उनके इंट्रेस्ट की हर हाल में रक्षा की जाएगी. सरकारी बैंकों का निजीकरण इसलिए किया जा रहा क्योंकि हम चाहते हैं कि इनके पास ज्यादा पैसे आए और वित्तीय रूप से इनकी स्थिति मजबूत हो.

आईपीओ की दिशा में तेजी से बढ़ रही है सरकार

DIPAM के सचिव (विनिवेश सचिव) तुहीन कांत पांडेय ने न्यूज एजेंसी IANS से खास बातचीत में पिछले दिनों कहा था कि हालांकि यह आईपीओ एक जटिल प्रक्रिया होगी. इसके बावजूद मुझे उम्मीद है कि अक्टूबर 2021 तक LIC IPO बाजार में आ जाएगा. यह आईपीओ दिवाली तक दस्तक दे सकता है. इस आईपीओ को लेकर कानून में जिस तरह के बदलाव की जरूरत है, सरकार उस पर फाइनेंस बिल 2020 के तहत ही आगे बढ़ चुकी है.

अगले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आईपीओ संभव

हालांकि आर्थिक मामलों से जुड़े विभाग के सचिव तरुण बजाज ने 3 फरवरी को कहा था कि भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अगले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में आ सकता है. सरकार ने इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए जीवन बीमा निगम कानून 1956 में संशोधन का प्रस्ताव किया है. वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट के साथ सदन के पटल पर रखे गये वित्त विधेयक के जरिये 27 संशोधन प्रस्तावित किए हैं.