मार्केट में फ़ास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करने वाले कई स्मार्टफोन पेश किए जा रहे हैं वहीं इस टेक्नोलॉजी को लेकर टेक कंपनियां लगातार कुछ ना कुछ नई पेशकश कर रही हैं. इस बीच Xiaomi ने 200W हाइपरचार्ज (Xiaomi HyperCharge) फास्ट चार्जिंग तकनीक पेश की है जो 8 मिनट से भी कम समय में 4,000mAh की बैटरी को पूरी तरह चार्ज करने का दावा करती है.

इसके अलावा, कंपनी ने 120W वायरलेस फास्ट चार्जिंग तकनीक पेश की है जो 15 मिनट के भीतर 4,000mAh बैटरी क्षमता वाले स्मार्टफोन को पूरी तरह से चार्ज करने का दावा करती है. 200W हाइपरचार्ज फास्ट चार्जिंग तकनीक कंपनी द्वारा पिछले साल Mi 10 Ultra और 80W वायरलेस फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ 120W फास्ट चार्जिंग पेश करने के बाद आई है. यह Xiaomi को 200W फास्ट चार्जिंग की पेशकश करने वाला पहला ओईएम बनाता है, जो स्मार्टफोन के लिए अब तक का सबसे अधिक है.

चीनी टेक दिग्गज ने 200W हाइपरचार्ज फास्ट चार्जिंग और 120W वायरलेस फास्ट चार्जिंग टेक्नोलॉजी की घोषणा करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. Xiaomi ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें दिखाया गया है कि 4,000mAh की बैटरी वाला स्मार्टफोन नई वायर्ड और वायरलेस टेक्नोलॉजी के साथ कितनी तेजी से चार्ज होता है. वीडियो से पता चलता है कि फोन को 10 प्रतिशत तक चार्ज होने में सिर्फ 44 सेकंड का समय लगता है, इसे 50 प्रतिशत तक चार्ज करने में सिर्फ 3 मिनट और वायर्ड फास्ट चार्जिंग तकनीक से फोन 8 मिनट से भी कम समय में पूरी तरह से चार्ज हो जाता है.

वायर्ड चार्जिंग स्पेस में, ओप्पो के पास वर्तमान में 125W फ्लैश चार्ज है जो 20 मिनट में 4,000mAh की बैटरी को पूरी तरह से चार्ज करने का दावा करता है. Realme का 125W UltraDART भी समान चार्जिंग स्पीड प्रदान करता है. जैसा कि जिक्र किया गया है, Xiaomi ने वीडियो में अपनी 120W वायरलेस फास्ट चार्जिंग तकनीक का भी प्रदर्शन किया. कंपनी अपने वायर्ड और वायरलेस फास्ट चार्जिंग दोनों टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग करने के लिए Mi 11 Pro कस्टम निर्मित स्मार्टफोन का उपयोग करती है. वीडियो दिखाता है कि Mi 11 Pro एक मिनट से भी कम समय में 4,000mAh की बैटरी चार्ज करके 10 प्रतिशत, 7 मिनट में 50 प्रतिशत और 15 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो जाता है.

Xiaomi ने इन दो वायर्ड और वायरलेस टेक्नोलॉजी की घोषणा की है, लेकिन इसने यह नहीं बताया है कि उन्हें बाजार के लिए तैयार प्रोडक्ट्स में कब इंस्टाल किया जाएगा और कौन से फोन इसे पहले प्राप्त करेंगे. हालांकि, आने वाले फ्लैगशिप मॉडल्स में इसके इंटीग्रेशन की उम्मीद की जा सकती है.