ट्रेन से नई दिल्ली से हावड़ा जाने वाले यात्री (Howrah-Delhi Rail Route) अब मात्र 12 घंटे में यह सफर तय कर सकेंगे. मौजूदा हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से गुजरने वाली ट्रेनें अब 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी. रेल बजट 2016-2017 में घोषित ‘मिशन रफ्तार’ (Mission Raftaar) के एक हिस्से के रूप में हावड़ा-दिल्ली मार्ग पर यात्री ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार किया जा रहा है.
पूर्व मध्य रेलवे (East Central Railway) के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि ग्रैंड कॉर्ड रेलवे सेक्शन पर ट्रेनों की गति 130 से बढ़कर 160 किमी प्रति घंटे हो जाएगी. मिशन रफ्तार के तहत चल रहे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद दिल्ली और हावड़ा के बीच की दूरी सिर्फ 12 घंटे में तय की जा सकी. जानकारी के मुताबिक 1,500 किलोमीटर लंबे ग्रैंड कॉर्ड रेल खंड पर इतनी हाई स्पीड प्राप्त करने के लिए बुनियादी ढांचे के सुधार पर अनुमानित 6,975 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. वर्तमान वित्तीय वर्ष में, ईसीआर को रखरखाव कार्य के लिए कथित तौर पर 408 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.
2019 में दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर स्पीड बढ़ाने की मिली थी मंजूरी
2019 में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर स्पीड को 160 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए दो परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. ये कॉरिडोर भारतीय रेलवे के स्वर्णिम चतुर्भुज (Golden Quadrilateral) और विकर्णों (Diagonals) का हिस्सा हैं, जो कुल यात्री ट्रेफ्क का 52 फीसदी और कुल माल ढुलाई का 58 फीसदी है.
एवरेज स्पीड बढ़ाने की योजना में होने हैं ये काम
तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार 2019 में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया था कि गतिशीलता में सुधार और यात्रियों और मालगाड़ियों की एवरेज स्पीड बढ़ाने की कार्य योजना में स्पीड प्रतिबंधों को हटाना, रोड ओवर ब्रिज और रोड अंडर ब्रिज का निर्माण, ट्रेनों की राइट पॉवरिंग और मेन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (MEMU) ट्रेनों द्वारा पारंपरिक ट्रेनों को बदलना शामिल है. डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (DEMU) ट्रेनें शामिल हैं.
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