Indian Railways Develops Stations as Airport: भारतीय रेलवे की ओर से हाल के वर्षों में यात्री सुविधाओं के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत विशेष जोर दिया गया है. देशभर के कई स्‍टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जा रहा है. कुछ हफ्ते पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सुविधाओं के मामले में एयरपोर्ट को टक्कर देने वाले गुजरात के गांधीनगर रेलवे स्टेशन (Gandhi Nagar Railway Station) का उद्घाटन किया था.

बता दें कि स्टेशन पुनर्विकास परियोजना के तहत देश के 123 स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप परियोजना (PPP Mode) के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी के साथ शानदार रूप दिया जा रहा है. इस कड़ी में पूर्व मध्य रेल के पांच रेलवे स्टेशनों गया, राजेंद्र नगर टर्मिनल, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और सिंगरौली स्टेशन को शामिल किया गया था. इनको लेकर काम शुरू भी हो चुका है.

पूर्व मध्य रेलवे के 5 और स्टेशनों का होगा विकास

अब ताजा अपडेट यह है कि इस प्रोजेक्ट में पूर्व मध्य रेलवे के 5 और स्टेशन जोड़े गए हैं. इनमें सीतामढ़ी, दरभंगा, बरौनी, धनबाद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन के नाम शामिल हैं. सीतामढ़ी और दरभंगा बिहार के मिथिला क्षेत्र के 2 बड़े शहर हैं. भगवान राम का ससुराल यानी भगवती सीता का मायका होने के कारण यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं. वहीं, बिहार का ही बरौनी जंक्शन, झारखंड का धनबाद जंक्शन और उत्तर प्रदेश का पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन अपना अलग महत्व रखता है. इन तमाम स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास के रूप में विकसित किया जाना है.

एयरपोर्ट जैसी ​World Class सुविधाएं

धार्मिक और पर्यटन दोनों दृष्टिकोण से कई स्टेशनों के पुनर्विकास की योजना बनाई गई है. पुनर्विकास से संबंधित कार्य पूरा होने के बाद रेलवे स्टेशन पर भी यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त होंगी. रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा गया स्टेशन के पुनर्विकास से जुड़े ये कार्य पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर पूरे किए जाएंगे.

ग्रीन बिल्डिंग, वेंटिलेशन, मॉल वगैरह

स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को संरक्षा, बेहतर और सुखद यात्रा अनुभव और विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं प्रदान करना है. स्टेशन को विश्वस्तरीय और अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित करते हुए स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग का रूप दिया जाएगा, जहां वेंटिलेशन आदि की पर्याप्त व्यवस्था होगी. रेलवे के जमीन पर मॉल और मल्टीपर्पस बिल्डिंग बनाया जाएगा. स्टेशन का विकास सौर ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता उपकरण और ‘हरित इमारत’ मानकों के अनुसार किया जाएगा.

Entry और Exit ऐसी कि भीड़ न हो!

रेल यात्रियों के स्टेशन पर आगमन और प्रस्थान के लिए प्रवेश और निकास द्वार ऐसे होंगे, जिससे यात्रियों को भीड़-भाड़ का सामना नहीं करना पड़े. स्टेशन पर एक्सेस कंट्रोल गेट और प्रत्येक प्लेटफार्म पर एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए जाएंगे, ताकि एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर आने-जाने में यात्रियों को सुविधा हो. यात्रियों को प्रदान की जाने वाली आवश्यक सुविधाओं में खान-पान, वॉशरूम, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट आदि शामिल होंगे. इससे आम यात्रियों के साथ वरिष्ठ नागरिक विशेष रूप से लाभान्वित होंगे.