देश में पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस 2019 में शुरू हुई थी. पहली तेजस एक्सप्रेस नई दिल्ली- लखनऊ रूट पर शुरू हुई थी. तेजस का ऑपरेशन रेलवे की सब्सिडियरी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की ओर से किया जाता है. वहीं, अब खबर आ रही है कि देश के कई और रेल रूट पर प्राइवेट कंपनियों की ओर से ट्रेनों का ऑपरेशन शुरू किया जा सकता है. भारतीय रेलवे की ओर से तीन क्लस्टर में प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए बोलियां (RFPs) मंगाई गई थीं. रेलवे को IRCTC और MEIL की तरफ से बोलियां मिली हैं. रेलवे की ओर से तीन क्लस्टर मुंबई 2, दिल्ली 1 और दिल्ली 2 के लिए प्राइवेट ट्रेन प्रोजेक्ट के रूप में बोलियां मिली हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन क्लस्टर में करीब 30 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन सर्विसेज (60 ट्रेनें) शुरू करने की तैयारी है. इन पर करीब 7200 करोड़ रुपये का निवेश होगा.
देश में अलग-अलग रूट पर प्राइवेट ट्रेनों के संचालन को लेकर सरकार का कहना है कि प्राइवेट ट्रेनें मार्च 2023 से चलेंगी. इसके लिए टेंडर मार्च 2021 तक फाइनल कर लिए जाएंगे. ज्यादातर प्राइवेट ट्रेन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाई जाएंगी. हालांकि, रेल ऑपरेशन में प्राइवेट कंपनियां अपने हिसाब से हिस्सेदारी ले सकती हैं.
देश के कितने रूट पर कितनी चलेंगी प्राइवेट ट्रेन?
पिछले साल सरकार ने देश के 109 रूटों पर 151 ट्रेनें चलाने की इजाजत देने के लिए प्लान पर काम शुरू किया था. यह प्लान प्राइवेट कंपनियों को ऑपरेशन की इजाजत देने के लिए था. रेल मंत्रालय ने इसके लिए प्राइवेट कंपनियों से बोलियां भी मंगाई थी. सरकार की योजना यह भी है कि रेलवे स्टेशन के गुड्स शेड्स के आधुनिकीकरण में प्राइवेट कंपनियों को काम दिया जाए.
रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्राइवेट कंपनियां कितना निवेश कर सकती हैं?
एक अनुमान के मुताबिक रेल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 50 लाख करोड़ रुपये का प्राइवेट इनवेस्टमेंट हो सकता है. जैसा कि गोयल ने अपनी मीटिंग में कहा कि रेलवे को 50 लाख करोड़ रुपये के निजी निवेश की जरूरत है, इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि प्राइवेंट कंपनियां इतनी रकम रेलवे में लगा सकती हैं. रेल मंत्रालय ने इस निवेश पर विचार करते हुए अपनी तैयारी शुरू कर दी है और यह निवेश कैसे आएगा, इसे लेकर पॉलिसी को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है.
देश में कब तक चल पाएंगी 151 प्राइवेट ट्रेन?
निजी ट्रेनों की योजना के हिस्से के रूप में, रेलवे ने 2022-23 में 12 ट्रेनों को शुरू करने की योजना बनाई है. 2023-2024 में 45, 2025-26 में 50 और अगले वित्त वर्ष में 44 और ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है, जिससे वित्त वर्ष 2026-27 तक कुल ट्रेनों की संख्या 151 तक हो जाएगी. प्राइवेट कंपनियों को अपने नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने की अनुमति देने के लिए एक औपचारिक शुरुआत के तौर पर रेलवे ने जुलाई महीने में देश भर के 109 जोड़ी मार्गों पर 151 आधुनिक यात्री ट्रेनें चलाने के लिए कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं.
प्राइवेट ट्रेनों का क्या होगा किराया और इसे कौन तय करेगा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रेनों का किराया तय करने का अधिकार प्राइवेट कंपनियों के पास होगा. भारतीय रेल बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने बताया है कि प्राइवेट कंपनियों को अपनी तरफ से किराया तय करने की छूट होगी.
कौन-कौन सी कंपनियां निजी ट्रेन चलाने की इच्छुक हैं?
एल्सटॉम, बॉम्बार्डियर इंक, जीएमआर इंफ्रा लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज रेल ऑपरेशन में भागीदारी ले सकती हैं. इन निजी कंपनियों ने रेल परियोजनाओं में इच्छा जताई है.
अभी कौन-कौन सी प्राइवेट ट्रेनें चल रही हैं?
देश में फिलहाल आईआरसीटीसी तीन ट्रेनों का परिचालन करता है, जिसमें वाराणसी-इंदौर मार्ग पर काशी-महाकाल एक्सप्रेस, लखनऊ-नई दिल्ली तेजस और अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस शामिल है. ये तीनों प्राइवेट ट्रेन हैं. अभी कोरोना के चलते इसका ऑपरेशन बंद है.
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