पंजाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) को बनाया गया है. कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) की तमाम आपत्तियों के बावजूद सिद्धू पार्टी अध्यक्ष बनने में कामयाब हुए. लेकिन अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सिद्धू द्वारा उनके ऊपर किए गए ट्वीट के लिए सार्वजनिक तौर पर माफी की मांग कर रहे हैं. अपनी बातों पर अड़े रहने से कैप्टन अमरिंदर पर लगातार नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का बिना शर्त स्वागत करने का दबाव बन रहा है.
विवाद को समाप्त न करने के लिए अब सीएम के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं. पार्टी के नेता दोनों के बीच समझौता कराने के प्रयास में लगे हैं. कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने कहा कि वे पार्टी की एकता के लिए हैं और किसी को भी पार्टी को विभाजित करने की अनुमति नहीं देंगे, चाहे वह कैप्टन अमरिंदर सिंह ही क्यों न हों. उन्होंने कहा कि वह पार्टी के लिए किसी भी नेता को छोड़ सकते हैं, चाहे वह अमरिंदर सिंह ही क्यों न हों.
रंधावा ने कहा कि अगर सीएम सुखपाल खैरा से मिल सकते हैं, जिन्होंने उनके खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की है और वह प्रताप बाजवा से मिल सकते हैं, तो सिद्धू से मिलने में क्या हर्ज है.
सिद्धू के साथ CM के पास चलने को तैयार
सुखजिंदर रंधावा मंत्री तृप्त बाजवा, सुखबिंदर सरकारिया और वरिष्ठ नेता लाल सिंह के घर मुलाकात के लिए पहुंचे. मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वह यहां यह बताने गए थे कि अगर मुख्यमंत्री बड़ा दिल दिखाएं तो सिद्धू के साथ, वे सीएम के पास चल सकते हैं.
ब्रह्म मोहिंद्रा के बयान पर कही ये बात
इसके साथ ही रंधावा ने मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा को उनके उस बयान पर नसीहत दी जिसमें उन्होंने कहा था कि वह (ब्रह्म मोहिंद्रा) सिद्धू से तब तक नहीं मिलेंगे जब तक वह सीएम के साथ अपने मुद्दे नहीं सुलझा लेते. रंधावा ने कहा कि मोहिंद्रा को इस तरह का बयान देने की जगह सिद्धू को सीएम से मुलाकात के लिए साथ ले जाना चाहिए. उन्होंने यह भी दावा किया कि नवजोत सिंह सिद्धू की ओर से शिष्टाचार भेंट के लिए मोहिंद्रा को भी फोन किया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी तबीयत ठीक न होने की बात कहकर मुलाकात से इनकार कर दिया.
इस मामले में बोलते हुए विधायक परगट सिंह ने कहा कि ऐसे समय में जब लोग सिद्धू का जोरदार स्वागत कर रहे हैं तो माफी मांगना उनके विरोधियों को जनता की नजरों में छोटा बना देता है.
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