नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष (President of Punjab Congress) बनाया है. बीते चार सालों से कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ही पंजाब के मुख्यमंत्री हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के न चाहते हुए भी सिद्धू को अब प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई है. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले के बाद कयास लगने शुरू हो गए हैं कि क्या 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव नवजोत सिंह सिद्धू के नेतृत्व में लड़ा जाएगा या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह ही चेहरा होंगे? इस प्रश्न का उत्तर आपको कांग्रेस के उस फैसले से देते हैं, जो अब से तकरीबन 16 साल पहले किया गया था. 16 साल पहले भी हरियाणा कांग्रेस के दो दिग्गजों की लड़ाई का अंत एक की पार्टी से विदाई से खत्म हुई.
क्योंं भजन लाल की कहानी पंजाब में दोहराने की चर्चा है?
हरियाणा की राजनीति में माहिर खिलाड़ी भजन लाल 2005 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा था. कांग्रेस ने 90 में से 67 सीटों पर जबरदस्त तरीके से जीत हासिल की थी. ज्यादातर विधायक भी भजन लाल के समर्थक थे, लेकिन बाद में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और भजन लाल की लड़ाई में वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए और भूपिंदर सिंह हुड्डा सीएम बने. हुड्डा के सीएम बनते ही भजन लाल की पार्टी से विदाई हो गई. ऐसे में जानकारों का मानना है कि क्या इसी तरह की कहानी पंजाब में सिद्धू दोहराने वाले हैं?
पंजाब की राजनीति को करीब से समझने वाले संजीव पांडेय कहते हैं, 'कांग्रेस आलाकमान ने मौके पर तो फैसला लिया है, लेकिन सिद्धू की ताजपोशी के बाद भी कांग्रेस की वापसी होगी ये बड़ा सवाल है. कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि बालू माफिया, ड्रग माफिया और शराब माफिया के खिलाफ जो स्टैंड सिद्धू ने लिया है उससे जनता के बीच उनकी लोकप्रियता बनी हुई है और वो 2022 में कांग्रेस को सत्ता में ला सकते हैं. ऐसे में अगर सिद्धू की लोकप्रियता की वजह से कांग्रेस सत्ता में वापसी करती है तो सिद्धू का सीएम बनना तय है. कांग्रेस के मौजूदा विधायकों का भी बहुत बड़ा संख्याबल अमरिंदर सिंह का कैंप छोड़ कर अब सिद्धू के कैंप में आने लगा है. अब अमरिंदर के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह मौजूदा विधायकों में से कितने विधायकों को अपने कैंप में बनाए रखने में सफल होते हैं.
कैप्टन सोनिया के तो सिद्धू प्रियंका के हैं करीबी
गौरतलब है कि सिद्धू के साथ चार और कार्यकारी अध्यक्षों की भी नियुक्ति हुई है. कैप्टन बनाम सिद्धू की लड़ाई पुरानी है. कैप्टन जहां सोनिया गांधी के करीबी हैं तो वहीं सिद्धू प्रियंका गांधी की काफी करीबी हैं. में कांग्रेस आलाकमान को लग रहा है कि अमरिंदर सिंह शायद वह करिश्मा 2022 में न कर पाएं जो उन्होंने साल 2017 में किया था. अमरिंदर सिंह पर यह भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं कि राज्य की सत्ता नौकरशाह चला रहे हैं. इन सारी बातों को ध्यान में रख कर सिद्धू को अब पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई है.
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