मध्य प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में स्कूल खोलने की घोषणा के बाद अब दिल्ली में स्कूल कब (Delhi School Reopening) खुलेंगे ये सवाल उठने लगा है. दिल्ली सरकार पहले ही कह चुकी है कि कोरोना महामारी की समीक्षा के बिना फ़िलहाल स्कूल खोलने का फैसला घातक साबित हो सकता है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने शुक्रवार को कहा कि स्कूल खुलने की आदर्श स्थिति है कि सभी टीका लग जाएं. केजरीवाल ने कहा कि हम अभी इंतजार करेंगे और देखेंगे कि स्कूल खुलने के बाद अन्य राज्यों में क्या स्थिति बनती है. उनके अनुभवों को देखेंगे उसके बाद स्कूल खोलने का भी फैसला लिया जा सकता है.

केजरीवाल ने कहा कि दूसरे कई राज्यों के अंदर स्कूल खुल रहे हैं लेकिन अभी हम संयम से काम लेंगे, जल्दबाजी में कुछ भी नहीं करना है. शुक्रवार को तिमारपुर से विधायक दिलीप पांडेय के के विधायक कार्यालय को आईएसओ प्रमाण पत्र मिलने के बाद उद्घाटन करने पहुंचे केजरीवाल ने कहा कि स्कूल खोलना एक बेहद ही महत्वपूर्ण निर्णय है इसे ऐसे ही बिना सोचे-विचारे नहीं लिया जा सकता.

आईएसओ-9001 प्रमाण पत्र वाला पहला विधयाक कार्यालय

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यहां आईएसओ-9001 प्रमाण पत्र पाने वाला यह देश का पहला विधायक कार्यालय है. उन्होंने कहा कि दिलीप पांडेय को आईएसओ का प्रमाण पत्र तो मिल गया है, मगर अब इन्हें जनता से सर्टिफिकेट लेना बाकी है. उन्होंने कहा कि यह व्यवस्थाएं बेहद शानदार है. कार्यालय में आने वाली विभिन्न विभागों से संबंधित समस्याओं को सुनने के लिए अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी दी गई है. यह एक मानक के रूप में है. यह सफल रहा तो सभी विधायकों को ऐसे कार्यालय खोलने के लिए कहा जाएगा.

वैक्सीन की कमी चिंता का विषय

अरविंद केजरीवाल ने स्कूल खोलने के सवाल पर कहा कि इस माहौल में सभी को टीकाकरण के बाद ही स्कूल खोलना चाहिए. अभिभावक अभी भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं. सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि हमारे पास पर्याप्त वैक्सीन नहीं है. केंद्र सरकार को इसके बारे में सोचना पड़ेगा कि वैक्सीन की उपलब्धता को कैसे बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल की बात जहां तक है हम दूसरे राज्यों में खुल रहे स्कूलों की स्थिति पर नजर बनाएं हुए है, वहां के अनुभवों के आधार पर भी फैसला लेंगे.