उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजीपुर पर चले रहे किसान आंदोलन में मंगलवार को हरियाणा (Haryana) के पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला (CM OP Chautala) किसानों के बीच पहुंचे. उन्होंने किसानों के साथ अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि इन तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. भारत कृषि प्रधान देश है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. यह आंदोलन केवल किसानों और मजदूरों का नहीं बल्कि पूरे देश का है.
इस दौरान उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और किसानों से मुलाकात की. उन्होंने सभी से आंदोलन पर बातचीत करते हुए कहा कि हमारी पार्टी किसानों के साथ है. हरियाणा के किसान भी इसे लेकर काफी संघर्ष कर रहे हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि किसान आंदोलन का असर आज इतना है कि केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टिया उनका साथ छोड़ रही हैं. जिसके कारण देश में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है.
किसान यूनियन मनाएगी कर्नाटक किसान शहीद स्मृति दिवस
वहीं, बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारतीय किसान यूनियन बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर कर्नाटक किसान शहीद स्मृति दिवस मनाएगी. इस कार्यक्रम में कर्नाटक के किसान नेता चुक्की नंजुदा स्वामी और किसान भी भाग लेंगे. उन्होंने कहा कि साल 21 जुलाई, 1980 के दिन सरकार द्वारा किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग से दो किसान मारे गए थे. वहीं, संसद के बाहर धरना-प्रदर्शन को लेकर बॉर्डर पर किसानों के जत्थे लगातार आ रहे है.
जेल से रिहा होने के बाद पहली बार जनता के बीच पहुंचे
पलवल पहुंचे ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि किसानों के आंदोलन के लिए बधाई देने आया हूं. इस किसान आंदोलन पर पूरे विश्व की निगाहें लगी हुई हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को न तो अच्छे खाद-बीज दे रही है और न ही समय पर पानी. अच्छी बारिश होने से फसल अच्छी हो जाती है तो उसे खरीदने वाला नहीं मिलता है. खरीद होती है तो किसान भुगतान के लिए दर दर भटकता रहता है.
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