लाइफ इंश्‍योरसें कॉरपोरेशन यानी एलआईसी पॉलिसीधारकों के अच्छे दिन आने वाले हैं. सोमवार से शुरू संसद के मॉनसून सत्र में वित्‍त राज्‍यमंत्री ने सदन को बताया है कि सरकार एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. वित्‍त मंत्री ने सदन में बताया है कि इस वित्‍त वर्ष के अंत में यानी मार्च 2022 में एलआईसी का आईपीओ लाया जाएगा. बताया जा रहा है कि एलआसी का आईपीओ पॉलिसी होल्‍डर्स के लिए कमाई का बड़ा विकल्‍प बन सकता है.

कितने ग्राहकों को होगा फायदा

एलआईसी से देश के कई लोग जुड़ हुए हैं और 29 करोड़ से भी ज्‍यादा लोगों के पास एलआईसी की पॉलिसी है. सूत्रों की मानें तो एलआईसी पॉलिसी होल्‍डर्स के लिए आईपीओ में 10 फीसदी का हिस्‍सा रिजर्व रखा जाएगा. य‍ह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. 15 जुलाई को इस बाबत केंद्रीय वित्त मंत्रालय में निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) की तरफ से एक आरएफपी जारी किया जा चुका है. पॉलिसी होल्‍डर्स का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है. मगर सिर्फ योग्‍य पॉलिसी होल्‍डर को ही आईपीओ में रिजर्वेशन मिल सकेगा. इससे जुड़ी सारी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कहा जा रहा है कि आईपीओ के आने के बाद 1 करोड़ से भी ज्‍यादा डीमैट अकाउंट खुल सकते हैं.

पिछले साल से हैं अटकलें

अधिकारियों की मानें तो जिस तरह से खुदरा निवेशकों को सरकारी कंपनी के आईपीओ में 10 फीसदी का रिजर्वेशन मिलता है, उसी तरह से एलआईसी के पॉलिसी होल्डरों को भी आईपीओ में रिजर्वेशन मिलेगा. पिछले वर्ष यानी 2020 में जब वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया था तो उन्‍होंने पहली बारआईपीओ का जिक्र छेड़ा था. उन्‍होंने कहा था कि एलआईसी पर पूरी तरह सरकार का मालिकाना हक बना रहेगा.

लिस्टिंग के बाद आईपीओ के जरिए कंपनी की आर्थिक हैसियत का पता लगाया जाएगा और ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि सरकार रिटेल निवेशकों को भी इसका हिस्सेदार बनाना चाहती है. पहले संभावना जताई गई थी कि इसका आईपीओ इस वर्ष अक्टूबर के बाद कभी भी आ सकता है.

कैसे मिलेगा पॉलिसी होल्‍डर्स को फायदा

एलआईसी भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है. ऐसे में इसके लिस्ट होने पर कंपनी की वैल्यू बाजार में पता चलेगी और माना जा रहा है कि कंपनी का आईपीओ बाजार में बढ़िया प्रदर्शन करेगा. विशेषज्ञों की मानें तो एलआईसी जैसे बड़े नेटवर्क वाली कंपनी पर सभी दांव लगाना चाहेंगे. ऐसे में अलॉटमेंट के लिए कंपीटिशन बड़ा होगा. अगर पॉलिसी होल्डर्स के लिए 10 फीसदी हिस्सा रिजर्व रहता है तो ये उन पॉलिसी होल्डर्स के लिए फायदेमंद होगा जो इस आईपीओ के जरिए कंपनी के शेयरों में निवेश कर लिस्टिंग पर होने वाली कमाई कर सकें.