राजस्थान में जल्‍द ही मंत्रिमंडल विस्तार (Rajasthan Cabinet Expansion) हो सकता है, इसके लिए गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने फ़ॉर्मूला तैयार कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल गहलौत कैबिनेट में 9 मंत्रियों की जगह खाली है. साफ है कि मंत्रिमंडल विस्‍तार में 9 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं. राजस्‍थान सरकार के मौजूदा मंत्रिमंडल में 10 कैबिनेट मंत्री और 10 राज्य मंत्री हैं.

सूत्रों का कहना है कि इस बार सिर्फ विस्तार ही नहीं होगा बल्कि फेरबदल भी होगा, जिसमें 6 से 8 मंत्रियों को परफोर्मेंस के आधार पर ड्रॉप भी किया जा सकता है. एक व्यक्ति एक पद का फॉर्मूला भी इसमें लागू होगा और एक बार के विधायक को मंत्री नहीं बनाने के फैसले पर भी मुहर लग सकती है.

राजस्‍थान पीसीसी में भी हो सकती है चार कार्यकारी अध्यक्षों की तैनाती

कांग्रेस ने देशभर में पीसीसी में कार्यकारी अध्यक्षों की तैनाती करनी शुरू कर दी है. पंजाब, उत्तराखंड और असम में भी पीसीसी अध्यक्ष के साथ कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में भी पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं. यह भी कहा जा रहा है कि कुछ मंत्रियों को हटाकर उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है, जिससे कि दूसरे विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिल सके.

मंत्रिमंडल फेरबदल का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया: अजय माकन

उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने रविवार को कहा कि राजस्थान में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर पार्टी नेताओं के बीच कोई विरोधाभास नहीं है और उन्होंने मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर पार्टी आलाकमान के फैसले पर भरोसा जताया है. जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मंत्रियों, विधायकों और पदाधिकारियों की बैठक के बाद माकन ने कहा कि सभी नेताओं ने सर्वसम्मति से मंत्रिमंडल फेरबदल का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया है. हालांकि उन्होंने मंत्रिमडल विस्तार की तारीख का खुलासा नहीं किया.

पार्टी आलाकमान का संदेश लेकर शनिवार रात जयपुर पहुंचे पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ लंबी चर्चा की थी. लगभग ढाई घंटे तक चली इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल तथा राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर विचार-विमर्श किया गया था.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पंजाब के मसले के समाधान के बाद अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी का पूरा ध्यान राजस्थान पर है और पार्टी आलाकमान की ओर से माकन से कहा गया है कि राजस्थान के सियासी मसले का समाधान जुलाई में ही हो जाना चाहिए.

पायलट ‘अब कहने को कुछ नहीं बचा है’

पायलट ने राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस तरह के मुद्दों पर पार्टी के भीतर सही मंच पर चर्चा होती है. उन्होंने कहा कि ‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में एक बैठक ली है और विस्तृत चर्चा की है. अब कहने को कुछ नहीं बचा है.’दोनों नेताओं ने शनिवार को राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ चर्चा की थी. बैठक में चर्चा के दौरान पार्टी नेताओं ने अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड दिया है.

राजस्थान में पिछले साल एक महीने के लंबे राजनीतिक संकट के बाद गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ बगावत करने के बाद पायलट को पिछले साल जुलाई में उपमुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. इसके बाद उनके द्वारा उठाये गये मुद्दों को देखने के लिये तीन सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा की गई थी.