नई दिल्ली. पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने स्टार बनने से पहले अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है. रावलपिंडी में एक गरीब घर में पैदा हुए अख्तर ने काफी मेहनत की और डेब्यू के साथ ही वो पूरी दुनिया में छा गए. शोएब अख्तर के नाम क्रिकेट इतिहास की सबसे तेज गेंद फेंकने का रिकॉर्ड है. यही नहीं उन्होंने पाकिस्तान के लिए टेस्ट में 178, वनडे में 247 विकेट झटके. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, रिकी पॉन्टिंग, मैथ्यू हेडन जैसे बल्लेबाजों को मुश्किल में भी डाला. हालांकि अख्तर के बड़े क्रिकेटर बनने से पहले उन्हें नीचा दिखाने वालों की भी कमी नहीं थी. पाकिस्तान के इस पूर्व तेज गेंदबाज ने ऐसी ही दो महिलाओं के बारे में फैंस को बताया है.


शोएब अख्तर ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ खास बातचीत में बताया कि उनके मोहल्ले में दो औरतें रहती थीं जो उन्हें अकसर नीचा दिखाती थीं. अख्तर ने बताया कि उनकी बातें सुनकर ही वो बड़े क्रिकेटर बन पाए. अख्तर ने कहा, ‘ये कहानी मेरे करियर के शुरुआती दिनों की है जब मैं रावलपिंडी में ट्रायल दे रहा था. मैं काफी ज्यादा आक्रामक था और अकसर लोग मेरे टैलेंट पर सवालिया निशान खड़ा करते थे. मैं हमेशा लोगों से पूछता था कि आप लोग ऐसा क्यों कहते हैं. तो लोग कहते थे कि हमने कभी ऐसे चमत्कार होते नहीं देखे.’


मोहल्ले की दो महिलाओं ने कसे तंज, अख्तर ने की जमकर मेहनत
शोएब अख्तर ने आगे कहा, ‘मेरे मोहल्ले में दो औरतें रहती थीं जो अकसर मुझपर तंज कसती थीं. वो मुझसे पूछती थीं कि मैं कहां जा रहा हूं. मैं जवाब देता था कि मैं एक स्टार बनने जा रहा हूं. वो हमेशा मेरी बेइज्जती करती थीं और कहती थीं तेरा कुछ नहीं हो सकता. मैं उन्हें कहता था. थोड़ा रुक जाओ, मैं पाकिस्तान का अगला बड़ा स्टार हूं.’ जल्द ही शोएब अख्तर की मेहनत रंग लाई और उन्होंने साल 1997 में पाकिस्तान के लिए डेब्यू किया. अख्तर ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में भी काफी संघर्ष किया लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीता इस खिलाड़ी का नाम क्रिकेट की दुनिया में छाया रहा.