भारत के महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni), ऑस्ट्रेलिया के एडम गिलक्रिस्ट, दक्षिण अफ्रीका के मार्क बाउचर और श्रीलंका के कुमार संगकारा. क्रिकेट की दुनिया के ये वो नाम हैं जिन्होंने विकेट के पीछे विकेटकीपर की भूमिका निभाते हुए कई बार इतिहास रचा. कई नए मुकाम हासिल किए. कई बार अपनी-अपनी टीमों को जीत दिलाई. लेकिन एक कारनामा ऐसा जरूर रहा जो इनमें से कोई दिग्गज अपने पूरे करियर में कभी अंजाम नहीं दे सका. लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं उस धुरंधर के बारे में जिसने अपने सिर्फ एक ही मैच में इस करिश्मे को अंजाम दे दिया और धोनी, गिलक्रिस्ट या संगकारा से आगे निकल गया.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं विकेटकीपर फ्रेड हुइश (Fred Huish) के बारे में. फ्रेड ने साल 1911 में आज ही के दिन यानी 23 अगस्त को एक मैच में नौ खिलाडि़यों को स्टंप आउट करने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. केंट (Kent) के विकेटकीपर बल्लेबाज फ्रेड ने ये उपलब्धि ओवल के मैदान पर सरे के खिलाफ खेले गए मुकाबले में हासिल की. इस मैच में उन्होंने कुल दस शिकार किए थे. एक कैच के तौर पर आया. फ्रेड ने 25 साल की उम्र में 1895 में केंट के लिए वारविकशर के खिलाफ प्रथम श्रेणी डेब्यू किया था. 1911 में तो उन्होंने एक सीजन में बतौर विकेटकीपर 100 शिकार कर लिए थे. केंट की चार काउंटी चैंपियनशिप जीत का भी फ्रेड हिस्सा रहे.
497 मैचों में 933 कैच और 377 स्टंप
फ्रेड हुइश उन बदकिस्मत क्रिकेटरों में शामिल हुए जिन्होंने घरेलू क्रिकेट में एक के बाद एक कई कीर्तिमान स्थापित किए लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें कभी अपने देश की नुमाइंदगी का मौका नहीं मिल सका. फ्रेड ने अपने करियर में कुल 497 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में हिस्सा लिया. इनमें जहां बतौर बल्लेबाज उन्होंने 726 पारियों में 139 बार नाबाद रहते हुए 12.85 की औसत से 7547 रन बनाए. इसमें एक भी शतक उनके बल्ले से नहीं निकल सका और उच्चतम स्कोर 93 रन दर्ज किया गया. जहां तक बतौर विकेटकीपर प्रदर्शन की बात है तो उन्होंने इस मामले में अपना अलग ही मुकाम बनाया. इन 497 मैचों में फ्रेड ने विकेट के पीछे 933 कैच और 377 स्टंप समेत कुल 1254 शिकार किए.
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