भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Men’s Hockey Team) के मुख्य कोच ग्राहम रीड (Graham Reid) ने मंगलवार को टोक्यो ओलिंपिक (Tokyo Olympics 2020) में बेल्जियम जैसी मजबूत टीम के खिलाफ होने वाले सेमीफाइनल से पहले अपने खिलाड़ियों को भावनाओं पर काबू रखने और कार्ड से बचने को कहा है. भारत ने ओलिंपिक में अपना पिछला पदक 1980 मॉस्को खेलों में जीता था. रीड ने कहा कि वह रविवार को क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ 3-1 की जीत से खुश हैं लेकिन उन्होंने कहा कि टीम को उस मैच में दो हरे और एक पीला कार्ड मिला जिससे टीम को बेल्जियम के खिलाफ बचना होगा.

रीड ने कहा, ‘हमने कड़ी टक्कर दी और कभी कभी क्वार्टर फाइनल जैसे कड़े मुकाबलों के अंतिम लम्हों में आपको ऐसा नहीं करना होता है. आपको अपना सब कुछ झोंकना होता है. कल हम काफी भाग्यशाली रहे क्योंकि उन्होंने (ग्रेट ब्रिटेन) हमारी तुलना में अधिक मौके बनाए लेकिन हमारा पेनल्टी कॉर्नर रक्षण और विशेष रूप से (गोलकीपर पीआर) श्रीजेश ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने हमें बचा लिया.’ रीड ने कहा कि ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ यादगार मैच से काफी कुछ सीखने को मिला. उन्होंने कहा, ‘पिछले मैच से हम यह सीख सकते हैं कि जुनून और भावनाओं के बीच अंतर होता है. कभी-कभी हम भावनाओं को हावी होने देते हैं. हमें मैदान पर 11 खिलाड़ी रखने की जरूरत है. समस्या यह है कि हम ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ मैच में काफी समय मैदान पर 10 खिलाड़ियों के साथ खेले. हम बेल्जियम के खिलाफ ऐसा नहीं कर सकते और यह नहीं सोच सकते कि हम जीत जाएंगे. आज बैठक में टीम को यह बड़ा संदेश दिया.’

रीड बोले- बेल्जियम के सामने पूरे 11 खिलाड़ी मैदान पर होना जरूरी

रीड ने कहा कि दिलप्रीत सिंह (सातवें मिनट), गुरजंत सिंह(16वें मिनट) और हार्दिक सिंह (57वें मिनट) के ब्रिटेन के खिलाफ मैदान गोल फायदे की स्थिति रही. कोच ने कहा, ‘मैदानी गोल करना शानदार रहा. हमें कॉर्नर नहीं मिले इसलिए हमें लगातार दबाव बनाने की जरूरत थी जिसके बारे में मैं हमेशा खिलाड़यों से बात करता हूं. जैसा कि मैंने कहा कि बेल्जियम जैसी टीम के खिलाफ हमेशा मैदान पर सभी 11 खिलाड़ियों का होना बेहद महत्वपूर्ण है.’