भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के सीईओ गोपाल विट्टल (Gopal Vittal) ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश को टेलिकॉम सेक्टर में तीन निजी कंपनियों की जरूरत है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सरकार ‘गंभीर वित्तीय संकट’ से जूझ रहे उद्योग को राहत देने के लिए कदम उठाएगी. यह टिप्पणी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के अस्तित्व बनाए रखने के संघर्ष के बीच अहम है.

आदित्य बिड़ला ग्रुप (Aditya Birla Group) के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) ने इस साल जून में कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) में समूह की हिस्सेदारी सरकार या किसी अन्य इकाई को सौंपने की पेशकश की थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनी का अस्तित्व बना रहे.

एक देश के रूप में हमें तीन कंपनियों की जरूरत

Airtel के सीईओ ने कहा, मुझे लगता है कि सिर्फ राष्ट्रीय दृष्टिकोण से, एक ऐसी उद्योग संरचना सही होगी जहां तीन कंपनियां न केवल बनी रहें, बल्कि प्रगति करें और निश्चित रूप से सरकारी कंपनी हमेशा मौजूद रहे. विट्टल ने कहा, मुझे लगता है कि एक देश के रूप में हमें तीन कंपनियों की जरूरत है. यह 1.3 अरब लोगों के साथ काफी बड़ा देश है, जो इस बाजार में तीन (निजी) कंपनियों को आसानी से समायोजित कर सकता है.

एजीआर से संबंधित बकाए की पुनर्गणना के लिए दूरसंचार कंपनियों के आवेदनों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किए जाने पर विट्टल ने कहा कि एयरटेल इस फैसले से निराश है, लेकिन कंपनी ने भारी भुगतान का प्रावधान किया है और पहले कुछ के वर्षों लिए अपने दायित्वों को पूरा करते हुए 18,000 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया है.

कुमार मंगलम बिड़ला ने छोड़ा ने दिया इस्तीफा

वित्तीय संकट से जूझ रही टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) ने नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन और डायरेक्ट पद से इस्तीफा दे दिया है. वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है. वोडाफोन आइडिया के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने गैर-कार्यकारी निदेशक हिमांशु कपानिया को नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन नियुक्त किया.