ऐसा हो सकता है कि आपसे किसी गलत बैंक खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाए. खाता संख्या में एक भी अंक इधर-उधर हो जाए तो यह गलती हो सकती है. ऐसे में ऐसी संकट की स्थिति किसी भी व्यक्ति के सामने आ सकती है. इससे बचने का यही उपाय है कि हम जानें कि क्या बैंक ट्रांसफर हुए पैसे को रिवर्स करते हैं या और भी कोई उपाय है?

इसका नियम कहता है कि अगर बेनेफिशियरी या जिस बैंक के खाते में पैसा गया है, वह दूसरे बैंक को अप्रूवल नहीं देता है तो पैसा लौटना मुश्किल है. इस स्थिति में आपका बैंक भी कुछ नहीं कर सकता क्योंकि वह सिर्फ मध्यस्थ का काम करता है. इससे बचने के लिए हमें जानना चाहिए कि किस गलती से गलत खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाता है. अगर आप हाथ से अकाउंट नंबर लिखते या टाइप करते हैं तो उसमें अंकों का हेरफेर हो सकता है. अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड में लिखने में भी गलती से काम खराब हो सकता है. बैंक में कोई तकनीकी खराब आ जाए तो पैसा गलत खाते में जा सकता है.

गलत ट्रांसफर होने पर क्या करें

गलत खाते में पैसा ट्रांसफर हो जाए तो तुरंत बैंक की शाखा में फोन करें और मैनेजर से बात करें. आपने अगर गलत खाता संख्या लिखा है और वह खाता किसी बैंक में नहीं हैं तो पैसा अपने आप वापस हो जाता है. अगर खाता किसी बैंक में है लेकिन गलती से उसमें ट्रांसफर हो गया तो तुरंत कार्रवाई करनी होगी. बैंक को सभी सबूत दें ताकि साबित हो सके कि गलत खाते में पैसा गया है. अगर मिलते-जुलते नाम की गलतफहमी में पैसा ट्रांसफर हो गया है तो उस नाम से जुड़ी सभी जानकारी और खाता संख्या आदि अपने बैंक को दें. जल्दी कार्रवाई के लिए बैंक को अपनी शिकायत ईमेल करनी चाहिए.

गलत खाते में पैसे ट्रांसफर होने पर बैंक की कोई गलती नहीं होती क्योंकि वह सिर्फ मध्यस्थ की भूमिका निभाता है. अगर एक ही बैंक के दो अलग खातों में गलत ट्रांसफर हुआ है तो ट्रांजेक्शन रिवर्सल के लिए बैंक रिक्वेस्ट भेज सकता है. जिस बैंक के खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ है, अगर वह रिवर्सल की अनुमति देता है तो वापस होगा. 7 कार्यदिवस के अंदर पैसा वापस हो सकता है. अगर दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर हुआ है तो उस ब्रांच में जाकर बैंक के अधिकारियों से मिलना होगा.

बैंक पैसा लौटाने से मना करे तो क्या करें

ऐसा हो सकता है कि जिस गलत खाते में पैसा ट्रांसफर हुआ है, वह आपको फंड न लौटाए. ऐसी स्थिति में पैसे की वापसी मुश्किल काम है. जिस व्यक्ति के खाते में पैसा गया है, उसे मानना होता है कि अकाउंट में पैसे आए हैं. अगर वह व्यक्ति यह बात स्वीकार कर लेता है तो आपको उसके बैंक में आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और कुछ कागजात जमा कराने पड़ सकते हैं. इसके बावजूद वह व्यक्ति पैसे देने से मना कर दे तो उसके खिलाफ मुकदमा करना होगा. स्थिति तब और ज्यादा खराब हो जाती है जब आपका बैंक और बेनेफिशियरी बैंक अलग-अलग हों. सबकुछ इस बात पर निर्भर करता है कि वह व्यक्ति पैसे लौटाने को तैयार हो रहा है या नहीं. अगर वह मना कर दे स्थिति उलझ सकती है.

बचने के लिए क्या करें

रिजर्व बैंक का स्पष्ट निर्देश है कि पैसे ट्रांसफर करने से पहले अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड की जरूर जांच कर लें. अगर ये दोनों सही है तो गलत ट्रांसफर का सवाल नहीं उठता. हो सकता है कि नाम एक हो, लेकिन खाता संख्या एक नहीं हो सकता, वह भी तब जब आईएफएससी कोड सही हो. अगर गलती से पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो अपने बैंक से तुरंत शिकायत करें और रिवर्सल के लिए रिक्वेस्ट करें. हमेशा लिखित शिकायत दर्ज करानी चाहिए जो कागज पर या ईमेल के जरिये हो सकती है.