आज देशभर में हरियाली तीज (Hariyali Teej) का त्योहार मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. ये दिन सुहागिन महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. इस खास दिन पर महिलाएं विशेष रूप से सोलह श्रृगांर करती हैं. आइए जानते हैं इस त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में.

हरियाली तीज के दिन महिलाएं विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाती है और उनकी पूजा करती है. मान्यता है कि जो भी सुहागिन महिलाएं इस व्रत को नियमानुसार करती हैं, उन्हें सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है. इतना ही नहीं इस व्रत को करने से सुख- समृद्धि बनी रहती है. हरियाली तीज के दिन पूजा सामग्री को लेकर खास ध्यान देना चाहिए. आइए जानते हैं पूजा सामग्री के बारे में.

हरियाली तीज पूजा सामग्री लिस्ट

भगवान शिव और माता पार्वती की गणेश की मिट्टी की मूर्ति

पीला वस्त्र

केले का पत्ता

जनेऊ

सुपारी

रोली

बेलपत्र

धतूरा, शमी के  पत्ते

सोलह श्रृगांर का सामान

दूर्वा, कलश, अक्षत, घी, कपूर, गंगाजल, दूही और शहद

हरियाली तीज महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, हरियाली तीज के दिन भगवान शिव माता पार्वती की कठोर तपस्या देखकर प्रसन्न हुए थे उन्होंने विवाह प्रस्ताव को हां कहा था. इसके बाद से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना होती है. शिव पुराण के अनुसार सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. ये महीना सुहागिन और कुंवारी महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.

हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं खासतौर पर हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां पहनना चाहिए. ये दिन सुहागिनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन विशेष उपायों को करने से आपकी परेशानियां दूर हो जाती है. मान्यता है कि भोलेनाथ और पार्वती की पूजा करने से जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो जाती है.

नोट- यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.