नॉटिंघम में बारिश ने मजा किरकिरा किया तो कसक लॉर्ड्स पर जीत के साथ पूरी हुई. अब सामने हेडिंग्ले (Headingley) है. टीम इंडिया टशन में है. 2-0 की लीड उसकी नजर में है. होना भी चाहिए क्योंकि ऐसा हो गया तो सीरीज पर फतेह और पुख्ता हो जाएगी. भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) की बातों से ऐसा लगता भी है. जरा पढ़िए उन्होंने तीसरे टेस्ट में उतरने से पहले क्या कहा, ” हमें यकीन है कि हम दुनिया की किसी भी टीम को हरा सकते हैं. इंग्लैंड (England) के खिलाफ कोई बैक स्टेप यानी पीछे हटने का सवाल नहीं, क्योंकि हम हमेशा जीत के लिए खेलते हैं.” ये पढ़कर आपको कप्तान कोहली के इरादों का अंदाजा हो चला होगा. अब जरा सोचिए कि कप्तान की सोच ऐसी है तो टीम के इरादे कहां होंगे. मतलब साफ है इंग्लैंड के लिए हेडिंग्ले बचाना आसान नहीं रहने वाला.

हेडिंग्ले के मैदान पर टीम इंडिया के उतरने का इरादा एक नहीं, दो होगा. पहली जीत की हैट्रिक लगाना और दूसरी ऐसा करते हुए इंग्लैंड से हिसाब बराबर करना. दरअसल, भारत अगर हेडिंग्ले टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाता है तो इसी के साथ वो इस मैदान पर अपनी जीत की हैट्रिक भी लगा लेगा. इससे पहले हेडिंग्ले में 1986 और 2002 में खेले पिछले लगातार दो मैच भारत जीत चुका है. रही बात इंग्लैंड से हिसाब बराबर करने की तो वो ऐसे होगा कि टीम इंडिया का इस मैदान पर ये 7वां मैच होगा. इससे पहले यहां खेले पिछले 6 मुकाबलों में 2 में भारत जीता है और 3 मैच इंग्लैंड के नाम रहा है. जबकि 1 टेस्ट दोनों के बीच ड्रॉ रहा है. ऐसे में अगर भारत 7वां टेस्ट जीतता है तो हेडिंग्ले में जीत के मामले में दोनों टीमों का स्कोर 3-3 से बराबर हो जाएगा.

पिच का मूड तय करेगा टीम की सूरत

तीसरे टेस्ट से पहले भारतीय कप्तान विराट कोहली को जिस चीज को देखकर थोड़ी हैरानी हुई, वो रही हेडिंग्ले की पिच. कप्तान कोहली ने कहा, ” हम पिच को देखकर दंग हैं. उस पर घास बहुत कम छोड़े गए हैं. यही पिच रही तो टीम सेलेक्शन में कुछ भी हो सकता है.” पिच को लेकर विराट के इस पशोपेश का मतलब है कि टीम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. टीम वही खेलेगी जो पिच के मूड के मुताबिक फिट बैठेगी.

हेडिंग्ले में 54 साल से नहीं हारा भारत

भारत के लिए एक अच्छी बात ये है कि वो हेडिंग्ले में बीते 54 साल से नहीं हारा है. भारत यहां आखिरी मैच 1967 में हारा था. मौजूदा टीम इंडिया की ताकत को देखते हुए लगता भी नहीं कि रूट एंड कंपनी 54 साल पुराने इतिहास को बदल पाएगी. वैसे इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने कमबैक का दम तो भरा है पर हिंदुस्तान की टीम के इरादों के आगे वो कहां तक ठहरता है, ये तो अब अगले 5 दिन का खेल ही बताएगा.