टोक्यो. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो (Tokyo Olympics) में ब्रॉन्ज मेडल जीता. लेकिन इस मेडल के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. 1980 के बाद यानी 41 साल बाद हॉकी टीम को मेडल मिला. लेकिन इस मेडल के पीछे जालंधर की एक एकेडमी की 16 साल की कड़ी मेहनत छिपी हुई है. टीम में शामिल 8 खिलाड़ी इसी एकेडमी से हैं. एकेडमी के कोच और खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत से करोड़ों फैंस को गदगद कर दिया है.


2005 में जालंधर में सुरजीत एकेडमी (Surjeet Hockey Academy) की शुरुआत की गई थी. इसी एकेडमी के खिलाड़ी मनप्रीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, वरुण कुमार, हार्दिक सिंह, दिलप्रीत सिंह, मनदीप सिंह, शमशेर सिंह और सिमरनजीत सिंह ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम में शामिल थे. एकेडमी के सीनियर कोच अवतार सिंह ने कहा, ‘ये मेडल रोजाना 5 घंटे, हफ्ते के 6 दिन और 16 साल की मेहनत के बाद मिला है. यह जीत गुमनाम नायकों के नाम है.’


एकेडमी में सलेक्शन आसान नहीं


सुरजीत एकेडमी में जगह बनाना आसान नहीं होता. 5 दिन तक चयन प्रक्रिया चलती है और ट्रायल तीन दिन का होता है. अवतार सिंह ने बताया कि यहां पहले खिलाड़ियों को अंडर-14 लेवल पर चुना जाता है. इसके बाद अंडर-15 और अंडर-17 को मौका मिलता है. पहले दो साल यहां सिर्फ स्किल्स पर ध्यान दिया जाता है. इसके बाद ड्रैग फ्लिक, पेनल्टी कॉर्नर, रोटेशन सहित अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर फोकस किया जाता है. भारतीय और यूरोपियन दोनों स्टाइल की हॉकी सिखाई जाती है.


सबसे अधिक गोल एकेडमी के खिलाड़ी ने ही किया


टोक्यो ओलंपिक की बात की जाए तो भारत की ओर से सबसे अधिक 6 गोल हरमनप्रीत सिंह ने किया. वे सुरजीत एकेडमी से ही हैं. वहीं पंजाब के ही रूपिंदर पाल सिंह 4 गोल के साथ दूसरे नंबर पर रहे. पंजाब के ही गुरजंत और सिमरनजीत सिंह ने तीन-तीन गोल किए. सिमरनजीत भी एकेडमी से हैं.


पंजाब के 10 खिलाड़ी टीम में


पुरुष हॉकी में पंजाब के 10 खिलाड़ी थे. एकेडमी के 8 खिलाड़ियाें के अलावा ड्रैग फ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह और गुरजंत सिंह भी पंजाब से हैं. मेडल से पहले पंजाब के मुख्य कोच द्रोणाचार्य अवॉर्डी ओलंपियन राजिंदर सिंह जूनियर ने कहा था है कि जिस तरह से भारतीय टीम ने प्रदर्शन किया है, वह मेडल ला सकती है. उनकी यह बात सच भी हुई और टीम ने 41 साल बाद मेडल पर कब्जा कर लिया.


राज्य सरकार देगी एक-एक करोड़ रुपए


पंजाब सरकार टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम में शामिल राज्य के हर खिलाड़ी को एक-एक करोड़ रुपए का नकद पुरस्कार देगी. पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा था कि यह लुत्फ उठाने और मेडल का जश्न मनाने का समय है. खेल मंत्री होने के नाते यह मेरा काम है.