कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है. सूत्रों के मुताबिक समारोह छोटा होगा और कुछ अन्य नेता भी इसमें शामिल नहीं होंगे. चरणजीत सिंह चन्नी आज सुबह 11 बजे राज्य के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं. पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच महीनों तक चली खींचतान के बाद कैप्टन ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. अमरिंदर सिंह ने अपने इस्तीफे के बाद कहा कि वह “अपमानित” महसूस कर रहे हैं. उन्हें पिछले दो महीनों में केंद्रीय नेतृत्व ने तीन बार बुलाया था.

पंजाब में बदलती सियासी तस्वीर का ये घटनाक्रम साल 2022 के विधानसभा चुनावों से चंद पहले हुआ. दलित नेता चन्नी कैप्टन अमरिंदर सिंह के मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे और राज्य में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले पहले दलित सिख होंगे. रविवार को पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि चन्नी को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया है. विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद चन्नी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया.

ऐसे लगी नाम पर मुहर

सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि चन्नी की अगुवाई वाली सरकार में दो उप मुख्यमंत्री भी हो सकते हैं. एक उप मुख्यमंत्री हिंदू और दूसरा उप मुख्यमंत्री जट सिख समुदाय से होगा. चन्नी दलित सिख (रामदसिया सिख) समुदाय से आते हैं.

पहली बार 2007 में चमकौर सीट से जीते

पंजाब सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार चन्नी तीन कार्यकाल के लिए नगर पार्षद रहे और दो कार्यकाल के लिए नगर परिषद खरड़ के अध्यक्ष बने. वह 2007 में पहली बार चमकौर साहिब सीट से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे. साल 2012 और फिर 2017 में फिर से विधानसभा सीट के लिए चुने गए. 2015 में चन्नी को 14वीं पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में चुना गया था. 2017 में उन्हें पंजाब सरकार में टेक्निकल एजुकेशन एन्ड इन्डस्ट्रियल ट्रेनिंग, इम्पलॉयमेंट जेनरेशन के साथ साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया. काफी मंथन और बैठकों के बाद चरणजीत को विधायक दल का नेता स्वीकार किया गया है.

गांधी परिवार के करीबी रहे हैं चन्नी

पंजाब के नए मुख्यमंत्री के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर सिंह रंधावा के अलावा सुनील जाखड़ और प्रताप सिंह बाजवा के नाम भी चर्चा में थे. फिर रविवार की सुबह वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबिका सोनी का नाम सामने आया, लेकिन उन्होंने अपने कदम पीछे खींच लिए. इसके बाद पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर भरोसा जताया है. चन्नी को गांधी परिवार का करीबी माना जाता रहा है.