भारत की तीनों सेनाओं में लाई गई अग्निपथ योजना के विरोध के बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने अग्निपथ योजना के लिए चयन की उम्र सीमा में 2 साल का इजाफा किया है. रक्षा मंत्रालय के हवाले से न्यूज एजेंसी ANI द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार ने इस साल (वर्ष 2022) के लिए अग्निपथ योजना की ऊपरी आयु सीमा 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है.

क्या है अग्निपथ योजना?
इस योजना के बारे में सरकार ने 14 जून को ऐलान किया था.  इस योजना के तहत देश की तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती छोटी अवधि के लिए संविदा पर की जाएगी. इस योजना का मकसद रक्षा विभाग के बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करना है. सरकार के मुताबिक, नई योजना देशभक्त और उत्साही युवाओं को सशस्त्र बलों में चार सालों तक काम करने का मौका देगी.


सरकार के अनुसार, यह योजना देश की सुरक्षा मजबूत करने के लिए है. यह एक परिवर्तनकारी योजना है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सशस्त्र बल इस साल 46,000 ‘अग्निवर’ भर्ती करेंगे और चयन के लिए पात्र आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी. योजना के तहत भर्ती 90 दिनों के भीतर शुरू होने वाली है. रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे. इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा

प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी. हालांकि अग्निवीरों को ग्रेच्युटी और पेंशन लाभ के लिए कोई अधिकार नहीं होगा और नए रंगरूटों को सशस्त्र बलों में जारी कार्य अवधि के लिए 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. सशस्त्र बलों द्वारा समय-समय पर घोषित की गई संगठनात्मक आवश्यकता और सेना की नीतियों के आधार पर चार साल की सेवा पूरी होने पर ‘अग्निवीर’ को सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए आवेदन करने का अवसर प्रदान किया जाएगा.